भोपाल। मप्र में भाजपा ने अब तक 56 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। अभी 6 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा बाकी है। इसमें इंदौर जिला भी शामिल हैं। दरअसल, जिन जिलों के अध्यक्षों की घोषणा नहीं हुई है वहां के नेताओं में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। जानकारों का कहना है इन जिलों के नेता अपने-अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने पर अड़े हुए हैं।
संगठन चुनाव की गाइड लाइन के अनुसार जिलाध्यक्षों का चुनाव 5 जनवरी तक किया जाना था, लेकिन अभी भी इंदौर शहर, इंदौर ग्रामीण, नरसिंहपुर, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छिंदवाड़ा में जिलाध्यक्षों की घोषणा होना बाकी है।  हालांकि अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कोई अड्चन नहीं है। इसके लिए जरूरी जिलों से ज्यादा में चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के हस्तक्षेप की वजह से उनके संसदीय क्षेत्र टीकमगढ़ और निवाड़ी में अब तक जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं हो पाई है। बाकी बचे 4 जिलों में जिलाध्यक्षों को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। इंदौर ग्रामीण में चिंटू वर्मा के रिपीट होने, नरसिंहपुर में महिला को जिले की कमान मिलने की संभावना है। वहीं, इंदौर ग्रामीण में जिलाध्यक्ष घोषित न होने की वजह से शहर की भी घोषणा अटकी है। इधर, छिंदवाड़ा में सांसद विवेक बंटी साहू नया चेहरा चाहते हैं।


जिलों में फंसा है इस तरफ पेंच
प्रदेश के जिन छह जिलों में पेंच फंसा है वहां कई नेता आमने-सामने हैं। छिंदवाड़ा में विवेक बंटी साहू के सांसद बनने के बाद शेषराव यादव कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बनाए गए थे। इस बार उनके रिपीट होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। जिन जिलों में मौजूदा अध्यक्ष रिपीट हुए है उनके साथ छिंदवाड़ा की भी घोषणा होना थी, लेकिन सांसद साहू के कारण पेंच फंस गया। वे जिले में भया अध्यक्ष चाहते है। नरसिंहपुर में पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह अपने-अपने करीबियों को जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए ताकत लगा रहे है। पार्टी सूत्रों के अनुसार बरसिंहपुर में किसी महिला वेशा को मौका दिया जा सकता है। यहां शिरोमणि चौधरी और चीना ओसवाल के बास चल रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक क्षेत्रीय सांसद होने के नाते टीकमगढ़ और निवाड़ी में अपनी पसंद के जिलाध्यवा चाहते हैं। खटीक टीकमगढ़ में जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष विवेक चतुर्वेदी को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। संगठन की ओर से टीकमगढ़ में अश्विनी चढ़ार या सरोज राजपूत में से किसी एक को अध्यक्ष बनाने की कोशिश की जा रही है। निवाड़ी में पूर्व मंत्री सुनील नायक के चचेरे भाई गणेशी लाल नायक का नाम लगभग तय हो चुका है। खटीक की जिद पर यदि टीकमगढ़ में बाहमण वर्ग के विवेक चतुर्वेदी अध्यक्ष बने तो निवाड़ों में गणेशी लाल नायक की जगह जिला महामंत्री रोहिन राय या आकाश अग्रवाल को मौका मिल सकता है। इंदौर ग्रामीण में वर्तमान जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा के रिपीट होने की संभावना है। हालांकि, टीनू जैन भी रेस में बराबरी से दौड़ रहे हैं। यहां जिलाध्यक्ष के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, विधायक मनोज पटेल से लेकर ऊषा ठाकुर तक अपने-अपने करीबियों के नाम बढ़ा चुके हैं। ग्रामीण के लिए सहमति न धन पाने के चलते अब तक शहर जिलाध्यक्ष मी घोषित नहीं हो पाया है। सूत्रों का कहना है कि इंदौर ग्रामीण में कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट की राय अलग-अलग है। सिलावट का हस्तक्षेप इंदौर शहर में नहीं है. लेकिन ग्रामीण में वे अपनी पसंद चाहते हैं। उनके साथ कुछ और नेता- विधायक भी शामिल हो गए हैं।


11 प्रतिशत महिलाओं को बनाया जिलाध्यक्ष
भाजपा ने अब तक जिन 56 जिलाध्यक्षों का ऐलान किया है, उनमें मात्र 11 फीसदी यानि 6 महिलाएं हैं। संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल पास हुआ है। बाकी बचे 6 जिलों में से किसी एक जिले में महिला नेता को अध्यक्ष बनाया जा सकता है।


30 प्रतिशत जिलों में पुराने चेहरे रिपीट
भाजपा में अब तक घोषित 56 जिलाध्यक्षों में से 30 प्रतिशत जिलों में पुराने चेहरे दोहराए गए हैं यानी वर्तमान जिलाध्यक्ष को एक बार फिर मौका दिया गया है। 17 जिलों के अध्यक्षों के कार्यकाल को दो साल से भी कम समय हुआ था। ऐसे में पार्टी ने चुनावी औपचारिकता पूरी करने के बाद इन्हें रिपीट किया है।